कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड से हारी भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम
पोशेफ्स्टूम. मुमताज खान के दो गोल के बावजूद भारतीय महिला हॉकी टीम का एफआईएच जूनियर विश्व कप में पदक जीतने का सपना टूट गया और कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड ने उसे शूटआउट में 3 . 0 से हरा दिया. निर्धारित समय तक स्कोर 2 . 2 से बराबर था . टूर्नामेंट में आठ गोल करने वाली मुमताज ने भारत के लिये 21वें और 47वें मिनट में फील्ड गोल किये . इंग्लैंड के लिये मिली जिगलियो ने 18वें और क्लाउडिया स्वेन ने 58वें मिनट में गोल करके मैच को शूटआउट में खींचा.
शूटआउट में ओलंपियन र्शिमला देवी, कप्तान सलीमा टेटे और संगीता कुमारी गोल नहीं कर सके . वहीं इंग्लैंड के लिये कैटी कुर्टिस, स्वेन और मैडी एक्सफोर्ड ने गोल दागे . इसके साथ ही इंग्लैंड ने 2013 में इसी टूर्नामेंट के कांस्य पदक के मुकाबले में भारत से मिली हार का बदला चुकता कर लिया. 2013 में जर्मनी के मोंशेंग्लाबाख में जूनियर विश्व कप में भारत ने इंग्लैंड को शूटआउट में हराकर कांस्य पदक जीता था.
मैच का नतीजा भले ही पक्ष में नहीं रहा हो लेकिन भारत का पलड़ा पूरे मैच में इंग्लैंड पर भारी था . गेंद पर नियंत्रण और विरोधी गोल पर हमलों के मामले में भारत ने बाजी मारी लेकिन आखिरी कुछ क्षणों में ढिलाई बरतने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा .
भारत ने सकारात्मक शुरुआत करके जल्दी ही दो पेनल्टी कॉर्नर बनाये लेकिन गोल नहीं हो सके . इंग्लैंड ने दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में बढत बना ली. जिगलियो का कमजोर शॉट भारतीय गोलकीपर बिछू देवी से टकराया और उनके पैरों के बीच से गेंद गोल के भीतर चली गई.
इसके तीन मिनट बाद ही हालांकि मुमताज ने भारत के लिये बराबरी का गोल किया . हाफटाइम तक स्कोर 1 . 1 से बराबर था. दूसरे हाफ के शुरूआती 15 मिनट दोनों टीमों ने खराब हॉकी खेली . चौथे क्वार्टर के 11वें मिनट में इंग्लैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे बिछू देवी ने बचाया . भारत को भी आखिरी क्वार्टर में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका. भारत के लिये दूसरा गोल 47वें मिनट में मुमताज ने किया . इसके बाद इंग्लैंड ने लगातार जवाबी हमले बोले और आखिरी छह मिनट में गोलकीपर को भी मैदान पर उतार दिया. आखिरी सीटी बजने से दो मिनट पहले भारतीय डिफेंस चरमरा गया और स्वेन ने बराबरी का गोल दाग दिया .