अपराध नियंत्रण के नाम पर राज्य सरकारें न्यायपालिका को नजर अन्दाज कर रही हैं: मायावती

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के नाम पर जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों की सरकारें तथा पुलिस न्यायपालिका को नजÞरअन्दाजÞ करके काम कर रही हैं, वह द्वेषपूर्ण ही नहीं बल्कि कानून के राज का मजÞाक भी है।

बसपा नेता ने ट्वीट किया, ‘‘पहले राजस्थान फिर उसके बाद खासकर मध्यप्रदेश व गुजरात आदि राज्यों में जिस प्रकार से शान्ति एवं सौहार्द बिगाड़ने वाली ंिहसक घटनाएं हुई हैं और उनके बाद सरकार द्वारा प्रथमदृष्टया बदले की कार्रवाई की गई है, वह सही कदम नहीं है। क्या इसी प्रकार के उदाहरणों से ‘नया भारत’ बनेगा?’’

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में भी कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण आदि के नाम पर जिस प्रकार से सरकार व पुलिस न्यायपालिका को नजÞरअन्दाजÞ करके काम कर रही हैं, वह द्वेषपूर्ण ही नहीं बल्कि कानून के राज का मजÞाक है। कानून के राज के लिए मनमानी नहीं बल्कि कानूनी प्रक्रिया के तहत ही सजा सुनिश्चित होनी चाहिए।’’

गौरतलब है कि राजस्थान के करौली जिले में नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रही मोटरसाइकिल रैली के दौरान पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते करौली में दो अप्रैल को कर्फ्यू लगाया गया था। ंिहसा में करीब 35 लोग घायल हुए थे।

वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव के बाद आगजनी और वाहनों को आग लगाने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। ंिहसा के सिलसिले में अब तक करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात शहरों में भी रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई जिसके बाद पुलिस को पथराव करने वाली और दुकानों तथा वाहनों को क्षतिग्रस्त करने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े.

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