यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत के जीडीपी वृद्धि में आ सकती है 1.3% की कमी
वाशिंगटन. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत घट सकती है. वहीं देश की आय वृद्धि में 2.3 प्रतिशत अंक की कमी आ सकती है. विश्व बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही. हालांकि, विश्व बैंक ने इसके साथ ही कहा कि भारत कोविड-19 संकट से तेजी से उबर रहा है.
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा कि दीर्घावधि में भारत को ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत होगी. इसके अलावा भारत को अक्षय ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाना पड़ेगा तथा श्रमबल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ानी होगी, जो फिलहाल 20 प्रतिशत के निचले स्तर पर है.
एक सवाल के जवाब में टिमर ने कहा, ‘‘हमारा कुल आकलन है कि युद्ध की वजह से भारत की आय वृद्धि में 2.3 प्रतिशत अंक की कमी आएगी और जीडीपी की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत कम रहेगी. लेकिन समायोजन इससे कम है. इसकी वजह हालिया आंकड़ों में सकारात्मक बदलाव है.’’ विश्व बैंक ने हाल में दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था पर केंद्रित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021-22 में भारत की अनुमानित वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहेगी, जो 2022-23 में घटकर आठ प्रतिशत पर और 2023-24 में 7.1 प्रतिशत पर आ जाएगी.
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान 24 फरवरी को शुरू किया था. अब यह युद्ध आठवें सप्ताह में प्रवेश कर गया है. अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. टिमर ने कहा कि कोविड-19 चक्र शुरू होने से पहले भारत गहरी सुस्ती से निकल रहा था. उन्होंने कहा कि भारत अब भी पुनरुद्धार की राह पर है और सभी चुनौतियां दूर नहीं हुई हैं.
टिमर ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि भारत अभी रूस से कुछ सस्ता कच्चा तेल खरीद पाया है, बड़ी तस्वीर यह है कि ंिजस कीमतों से यह अब भी प्रभावित है. उन्होंने कहा कि जहां तक सकारात्मक ‘आश्चर्य’ की बात है, तो हाल की तिमाहियों में भारत ने सेवाओं के उत्पादन में काफी सफलता हासिल की है और इनका निर्यात किया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय सेवाओं की काफी मांग है और भारत इस मांग को पूरा कर सकता है.