‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में पाक ने ‘अनावश्यक संदर्भ’ को किया खारिज

इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने बुधवार को अमेरिका-भारत ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य के उस हिस्से को ‘‘अनुचित संदर्भ’’ बता कर सिरे से खारिज कर दिया जिसमें इस्लामाबाद से यह सुनिश्चित करने के लिये ‘‘तत्काल, निरंतर और स्थायी कार्रवाई’’ करने के लिए कहा गया था कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए न हो सके.

विदेश कार्यालय (एफओ) ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि राजनीतिक लाभ के लिए तीसरे देश को निशाना बनाने और जनता की राय को वास्तविक व उभरते आतंकवाद के खतरों से गुमराह करने के लिए एक द्विपक्षीय सहयोग तंत्र का इस्तेमाल किया गया था.
एफओ ने कहा, ‘‘बयान में कुछ गैर-मौजूद और नष्ट हो चुकी संस्थाओं की ओर इशारा करते हुए अनावश्यक संदर्भ दोनों देशों के गलत आतंकवाद विरोधी केंद्र बिंदु को दर्शाता है.’’

वाशिंगटन में 11 अप्रैल को जारी भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य का हवाला देते हुए इसने कहा, ‘‘बयान में पाकिस्तान के खिलाफ दिए गए बयान दुर्भावनापूर्ण हैं और इनमें किसी तरह की विश्वसनीयता नहीं है.’’ एफओ ने कहा कि उसने अपनी चिंताओं से अमेरिका को भी अवगत कराया. उसने कहा, ‘‘हमारी चिंताओं और अमेरिका-भारत के बयान में पाकिस्तान के लिए अनुचित संदर्भ की अस्वीकृति को राजनयिक चैनलों के माध्यम से अमेरिकी पक्ष को अवगत करा दिया गया है.’’

इसने कहा कि पाकिस्तान पिछले दो दशकों में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक प्रमुख, सक्रिय, विश्वसनीय और इच्छुक भागीदार बना हुआ है और इसकी सफलताओं और बलिदानों को अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अद्वितीय और व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है.

एफओ ने कहा कि इस क्षेत्र के किसी भी देश ने शांति के लिए पाकिस्तान से ज्यादा बलिदान नहीं किया है. विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आक्षेप वास्तव में जम्मू-कश्मीर में अपने ‘‘अत्याचारों’’ को छिपाने का एक हताश प्रयास था. बयान में कहा गया है, ‘‘हम साझेदार देशों से उम्मीद और अनुरोध करते हैं कि वे दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर एक निष्पक्ष नजरिया अपनाएं और खुद को एकतरफा, राजनीति से प्रेरित तथा जमीनी हकीकत से अलग स्थिति से जोड़ने से परहेज करें .’’

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