राष्ट्रपति ने लोगों से आंबेडकर के आदर्शो पर चलते हुए समावेशी समाज के निर्माण में योगदान देने को कहा
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद ने बृहस्पतिवार को संविधान निर्माता डॉ बी आर आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और लोगों से उनके आदर्शो पर चलते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपना योगदान देने को कहा।
राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति कोंिवद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘आंबेडकर जयंती पर बाबा साहब को विनम्र श्रद्धांजलि! सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर, बाबा साहब ने संविधान के शिल्पी के रूप में आधुनिक भारत की नींव रखी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आइए, हम उनके ‘पहले भी भारतीय, बाद में भी भारतीय और अंत में भी भारतीय’ के आदर्श पर चलते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती पर संसद भवन परिसर में स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन भी अर्पित किए। आंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को एक दलित परिवार में हुआ था। पेशे से वकील आंबेडकर एक अर्थशास्त्री भी थे।
उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भेदभाव के खिलाफ और दलितों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान की लड़ाई लड़ी। वह देश के पहले कानून मंत्री थे। वर्ष 1990 में उन्हें मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ प्रदान किया गया।