राष्ट्रपति ने बच्चों को नये एवं विकसित भारत के सपने देखने का दिया सुझाव
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को बच्चों को बड़े सपने देखने तथा नये एवं विकसित भारत के सपने देखने का सुझाव देते हुए कहा कि वे परिणाम की ंिचता किये बिना कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहें और उन्हें बड़ी सफलता जरूर मिलेगी. राष्ट्रपति ने यह बात उस समय कही जब बाल दिवस के अवसर पर आज सुबह राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में बच्चे उनसे मिले आए.
राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने बचपन को जीवन की सबसे खूबसूरत अवस्था बताया और कहा, ‘‘प्रत्येक नयी पीढ़ी नयी संभावनाएं और नये सपने लेकर आती है . यह प्रौद्योगिकी और सूचना क्रांति का नया युग है. बच्चे अब घरेलू, सामाजिक और पर्यावरण से जुड़े विभिन्न मुद्दों से अवगत हैं.’’ मुर्मू ने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रादुर्भाव से ज्ञान एवं सूचना अब उनकी अंगुलियों पर हैं, यानी आसानी से उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में यह उनके (बच्चों के) लिये महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें सही मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करने का अधिक प्रयास करें और उन्हें विभिन्न गतिविधियों एवं चर्चाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करें. हम स्वयं बच्चों से काफी कुछ सीख सकते हैं. ’’ राष्ट्रपति ने बच्चों को बड़े सपने देखने और नये एवं विकसित भारत के सपने देखने का सुझाव दिया और कहा कि आज के सपने कल हकीकत बन सकते हैं .
मुर्मू ने बच्चों से कहा, ‘‘आप सब को बाल दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई . आज का दिन बहुत खास है, क्योंकि यह दिन भारत के बच्चों यानी भारत के भविष्य को सर्मिपत है. आज हम बच्चों की मासूमियत और पवित्रता का उत्सव मनाते हैं.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चे भारत के भविष्य के निर्माता हैं, ऐसे में वे सोच लें कि बड़े होकर किस तरह के भारत में रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आज बच्चे जिस रास्ते पर चलेंगे, वही आने वाले दिनों में भारत की दिशा निर्धारित करेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘आप अपने जीवन में जहां भी जाएं, भारत की संस्कृति से जुड़े रहें और दुनिया में इसकी समृद्धि का प्रचार करें.’’ राष्ट्रपति ने बच्चों से अपने माता-पिता का सम्मान करने और अपनी मातृभूमि से प्रेम करने का सुझाव दिया. मुर्मू ने बाद में अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ आज ‘बाल दिवस’ पर स्कूलों के बच्चों से मिल कर और उनके सपनों तथा विचारों को जानकर मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे यह देख कर प्रसन्नता हुई है कि उनकी नन्ही आंखों में देश के लिए बड़े-बड़े सपने हैं. उन्होंने कहा कि उनकी कामना है कि बच्चे कर्तव्य-मार्ग पर आगे बढ़ते रहें और उनके सपने साकार हों.