नेशनल हेराल्ड मामला: कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ईडी के समक्ष फिर से हुए पेश

नयी दिल्ली. कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में फिर से पूछताछ के लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. यह दूसरा मौका है, जब केंद्रीय एजेंसी मामले में उनका बयान दर्ज कर रही है. यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया था.

कर्नाटक के पूर्व मंत्री शिवकुमार (60) ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जांच के सिलसिले में एजेंसी द्वारा मांगे गये सारे दस्तावेज उसे सौंप दिये थे और समन टालने का अनुरोध करने के बावजूद उन्हें फिर से उपस्थित होना पड़ा. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने यंग इंडियन मुद्दे पर मुझे दोबारा तलब किया…मैंने उन्हें (ईडी) कुछ कागजात भेजे थे, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हुए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनका सम्मान करते हैं, हम समन का सम्मान करते हैं और हम संस्था का सम्मान करते हैं. छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और हमने जो कुछ दिया है(यंग इंडियन को चंदे के रूप में), वह परोपकारी कार्य के लिए है.’’ शिवकुमार और उनके सांसद भाई डी.के.सुरेश ने अतीत में यंग इंडियन को अज्ञात राशि चंदे के तौर पर दिया था.

उज्जैन में महाकाल मंदिर का दर्शन करने के बाद बयान दर्ज कराने के लिये सीधे वहां से आए शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें (चंदा देने में) कोई बुराई नहीं है. कई शुभंिचतकों ने ऐसा किया है.’’ शिवकुमार अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कर्नाटक से गुजर रही ‘भारत छोड़ो यात्रा’ का हवाला देते हुए सात नवंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए थे.
उनसे (शिवकुमार से) और सुरेश से मामले में पिछली बार ईडी ने बीते महीने (अक्टूबर में) पूछताछ की थी. इसके बाद, कांग्रेस की कर्नाटक इकाई प्रमुख ने मध्य दिल्ली में एजेंसी के ए पी जे अब्दुल कलाम रोड स्थित दफ्तर के बाहर संवाददाताओं से कहा था कि उनसे यंग इंडियन कंपनी, उनके परिवार के सदस्यों और उनसे (शिवकुमार से) संबद्ध संस्थाओं के बारे में कई सवाल पूछे गये.
यंग इंडियन कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक है.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पवन बंसल जैसे पार्टी के नेताओं से भी ईडी ने नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में पिछले कुछ महीनों में पूछताछ की है. गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी में बड़ा अंशधारक है. शिवकुमार के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई से उभरे एक मामले में कई दौर की पूछताछ के बाद तीन सितंबर 2019 को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस साल अक्टूबर में उन्हें जमानत दे दी थी. इस साल मई में एजेंसी ने इस मामले में उनके और उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. उनसे सितंबर में ईडी ने धन शोधन के एक अन्य मामले में पूछताछ की थी. यह मामला कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति रखने से संबद्ध था.

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