2021-22 के दौरान प्रतीक्षा सूची में डाले गए 1.60 करोड़ से अधिक यात्री नहीं कर पाए यात्रा: आरटीआई

नयी दिल्ली. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान प्रतीक्षा सूची में शामिल रहे 1.60 करोड़ से अधिक यात्री टिकट होने के बावजूद ट्रेन में यात्रा नहीं कर पाए, जिससे देश में व्यस्त मार्गों पर ट्रेंनो की कमी का संकेत मिलता है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिये पूछे गए एक सवाल जवाब में यह जानकारी दी गई है. रेलवे बोर्ड ने कहा कि 2021-2022 में कुल 1,06,19,487 (1.06 करोड़) पीएनआर के मुकाबले 1,65,01,187 (1.65 करोड़) यात्रियों की टिकट बुक थी, लेकिन टिकट वेंटिग होने के कारण उन्हें रद्द कर दिया गया. पीएनआर रद्द होने के बाद यात्रियों को टिकट का किराया वापस कर दिया जाता है.

मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में प्रतीक्षा सूची में रहने के कारण लगभग 5 करोड़ पीएनआर स्वचालित रूप से रद्द कर दिए गए थे. यात्रियों को कन्फर्म टिकट प्रदान करने में असमर्थता रेलवे के लिये एक बड़ी समस्या रही है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2014-15 में रद्द किए गए पीएनआर की संख्या 1.13 करोड़ (1,13,17,481) थी, 2015-2016 में यह संख्या 81.05 लाख (81,05,022) , 2016-2017 में 72.13 लाख (72,13,131 थी), 2017-18 में 73 लाख (73,02,042), और 2018-2019 में 68.97 लाख (68,97,922) थी.

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