चीन, पाकिस्तान ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने पर चर्चा की

बीजिंग/इस्लामाबाद. चीन के प्रधानमंत्री ली ंिक्वग और उनके नवनियुक्त पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ के बीच सोमवार को हुई पहली बातचीत में पाकिस्तान में कार्यरत चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने और 60 अरब डॉलर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया गया.

कई रिपोर्टों के अनुसार, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान में तैनात बड़ी संख्या में चीनी श्रमिकों ने पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में आत्मघाती बम हमले के बाद देश छोड़ना शुरू कर दिया था. इस हमले में चीनी भाषा के तीन शिक्षक मारे गए थे और एक अन्य घायल हो गया था. पाकिस्तानी अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि शरीफ ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ली को पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए ‘सुरक्षा बढ़ाने’ का आश्वासन दिया.

पिछले कुछ वर्षों में बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे धार्मिक चरमपंथी समूहों के हमलों में कई चीनी र्किमयों की मौत हो गई. चीनी र्किमयों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना ने अलग ब्रिगेड का गठन किया है. चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की सुरक्षा मुख्य रूप से प्रमुख परियोजनाओं पर केंद्रित थी, वहीं कराची विश्वविद्यालय जैसे छोटे संस्थानों में काम करने वाले लोग आसान निशाना बन रहे हैं.

शरीफ ने ली से कहा कि पाकिस्तान देश में सभी चीनी संस्थानों और नागरिकों के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करेगा ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. ली ने कहा कि कराची में चीनी नागरिकों पर हाल में हुए हमले से चीन स्तब्ध और आक्रोशित है और आतंकवादी हमले की कड़ी ंिनदा करता है.

चीन की सरकारी ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, ली ने आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में खड़ा करेगा, आगे इस तरह के मामलों से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेगा, शोक संतप्त परिवारों और घायलों को राहत प्रदान करेगा और पाकिस्तान में चीनी संस्थानों और नागरिकों के लिए सुरक्षा उपायों को व्यापक रूप से मजबूत करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हों.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, चीन के प्रधानमंत्री ली ंिक्वग के साथ टेलीफोन पर हुई ‘‘विस्तृत बातचीत’’ के दौरान शरीफ ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) को जल्द से जल्द पूरी तरह से चालू करने के लिए दोनों पक्षों के एक साथ काम करने और दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

शहबाज ने अपनी सरकार के ‘‘परिवर्तनकारी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत मौजूदा और साथ ही नयी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का दृढ़ संकल्प दोहराया, जिसने पाकिस्तान के सामाजिक-आर्थिक और उच्च- गुणवत्ता वाले विकास में अत्यधिक योगदान दिया है.’’ महत्वाकांक्षी 60 अरब डॉलर का सीपीईसी चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 3,000 किलोमीटर लंबा मार्ग है. सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन के समक्ष विरोध जताया है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जरिए बनाया जा रहा है.

पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में हुए आतंकवादी हमले की ंिनदा करते हुए शरीफ ने घटना की गहन जांच करने और अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प को दोहराया. इस हमले में तीन चीनी शोधार्थियों की जान चली गई थी.
बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान देश में आर्थिक परियोजनाओं और संस्थानों में काम कर रहे सभी चीनी नागरिकों की रक्षा, सुरक्षा को अत्यंत महत्व देता है. उन्होंने प्रधानमंत्री ली को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार चीनी नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने को लेकर दृढ़ है.’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button