भाजपा अपने शासन वाले राज्यों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए: तोगड़िया
नागपुर. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को कहा कि भाजपा को उन राज्यों की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देने चाहिए जहां वह सत्ता में है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा राज्य सरकार से की गई मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग के संदर्भ में तोगड़िया ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में सत्ता में थी तब उसने ऐसा कदम नहीं उठाया.
तोगड़िया ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं भाजपा में अपने भाइयों से अनुरोध करना चाहता हूं कि पहले उन राज्यों में लाउडस्पीकर हटाएं जहां उनकी पार्टी सत्ता में है. आप महाराष्ट्र में विरोध कर रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश और गुजरात में लाउडस्पीकर नहीं हटा रहे हैं.” राज ठाकरे का नाम लिए बिना उन्होंने यह भी कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तब यह मांग नहीं उठाई गई थी.
तोगड़िया ने कहा, ‘‘हमने लगभग दस साल पहले महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी और हम पिछले दो साल से उत्तर प्रदेश में भी लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रहे हैं.’’ उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को लाउडस्पीकर संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को पूरे देश में लागू करना चाहिए.
महाराष्ट्र पुलिस कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिये तैयार है: गृह मंत्री
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मंगलवार को यहां कहा कि तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने संबंधी मनसे की चेतावनी के मद्देनजर राज्य की पुलिस कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिये पूरी तरह तैयार है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिये लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का विरोध करते हुए सरकार को तीन मई तक इन्हें हटाने की चेतावनी दी थी.
पाटिल ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक सभी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करके इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उनके रिपोर्ट देने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. गृह मंत्री से तीन मई के बाद महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका से संबंधित खुफिया जानकारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी. हम पूरी तरह तैयार हैं और अप्रिय घटनाओं से बचने के लिये कदम उठा रहे हैं.” पाटिल ने कहा कि यदि किसी बयान या कार्रवाई से नफरत का माहौल बनता है या समुदायों के बीच शांति भंग होती है, तो संबंधित व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
राज ठाकरे की सुरक्षा बढ़ाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव के स्तर पर एक समिति, जिसमें पुलिस अधिकारी और खुफिया अधिकारी शामिल होते हैं, खतरे की आशंका के आधार पर सुरक्षा प्रदान करने का फैसला करती है और एक नेता इस पर कोई फैसला नहीं ले सकता.
उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि यह हास्यास्पद है कि राज्य सरकार को बिना बताए केंद्र सरकार कुछ लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रही है. गृह मंत्री ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण है. राज्य सरकार अपने सभी लोगों की रक्षा करने में सक्षम है. खैर, यह केंद्र सरकार का अधिकार है, वे यह (सुरक्षा) प्रदान कर सकते हैं.”