दलित किशोर की पिटाई व पैर चटवाने का वीडियो आया सामने, आठ आरोपी गिरफ्तार
रायबरेली/लखनऊ. उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र में दसवीं के एक दलित छात्र की पिटाई और एक युवक द्वारा उससे अपने पैर चटवाने का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
इस बीच घटना को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पीड़ित पक्ष के समर्थन में भी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उच्च जाति के कथित हमलावरों को एक युवक चुनौती दे रहा है. मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि रायबरेली में किशोर की सत्ताधीश दबंगों द्वारा कुचली गई अस्मिता भाजपा की देन है. इस बीच पीड़ित किशोर ने परिवार के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और यादव ने उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिया.
क्षेत्राधिकारी (सीओ) डलमऊ अशोक सिंह ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया गया है. पुलिस के अनुसार मामले में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट), 147 (उपद्रव के दोष में दो वर्ष कारावास) 149 (विधिविरुद्ध जनसमूह के किसी सदस्य द्वारा किये गये अपराध में जनसमूह का हर सदस्य दोषी) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए दंड) समेत अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आरोपियों में कई के नाबालिग होने के मसले पर पुलिस ने बताया कि अभी तक आरोपियों में किसी के नाबालिग होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है और अगर इस तरह का कोई साक्ष्य सामने आएगा तो उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रायबरेली जिले के जगतपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर कस्बा निवासी एक दलित छात्र की पिटाई का वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुआ. जानकारी के अनुसार 10 अप्रैल को दलित किशोर का एक साथी उसके घर पहुंचा और उसे मोटरसाइकिल पर बिठाकर रामलीला मैदान ले गया. इसमें कहा गया है कि वहां से घूमने की बात कह कर उसे सलोन रोड की तरफ ले गया, जहां कई युवक उसे एक बाग में ले गए.
बताते हैं कि बाग में छात्र की पहले पिटाई की गई जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ और इसके बाद काफी देर उसे बिठाकर रखा गया और फिर दलित छात्र से एक युवक ने अपने पैर चटवाये, इसका भी वीडियो सोशल मीडिया पर डाला गया.
वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होने के बाद किशोर अपनी मां के साथ कोतवाली पहुंचा और शिकायत दर्ज करायी .
मामले को लेकर सोमवार को कांग्रेस नेता सुशील पासी के साथ काफी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया. रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ मनोज कुमार पांडेय ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी के अनुसार पीड़ित किशोर ने अपनी मां के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. खुद अखिलेश यादव ने मंगलवार को पीड़ित किशोर और उसकी मां के साथ ट्विटर पर अपनी मुलाकात और वायरल वीडियो की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि “लोकतंत्र में हर नागरिक को मन से बराबर मानना व हर जाति वर्ग को बिन भेदभाव एक समान सम्मान देना ही सच्चा सामाजिक न्याय है.”
उन्होंने आगे कहा कि “लोकतंत्र में किसी एक जाति वर्ग के प्रभुत्व के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. सपा सामाजिक संबंधों में भेदभाव या शोषण के बजाय सदैव बराबरी के लिए प्रतिबद्ध है.” सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया “सपा खड़ी है उन वंचितों के साथ जिन पर सत्ता कर रही है अत्याचार. रायबरेली में किशोर की सत्ताधीश दबंगों द्वारा कुचली गई अस्मिता भाजपा की देन है.” सपा ने इसी ट्वीट में अखिलेश से किशोर की मुलाकात का जिक्र करते हुए सरकार से मांग की है कि केंद्रीय विद्यालय में पीड़ित को एडमिशन मिले और पूरे परिवार की सुरक्षा का इंतजाम किया जाए.
इस बीच समाजवादी पार्टी की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने गये पीड़ित किशोर ने बताया कि 10 अप्रैल 2022 को गांव का ही एक व्यक्ति उसे बुलाकर ले गया जहां कुछ लोग उसे अपनी गाड़ी में जबरन बिठाकर घर से पांच किलोमीटर दूर जंगल में ले गए.
किशोर के हवाले से बयान में कहा गया है कि अवैध तमंचा दिखा कर उसे गोली मारने की धमकी दी और आरोपी ने उसको अपने पैर चाटने के लिए मजबूर किया और कहा कि तुम्हारे बाप दादा भी गुलाम थे और पैर चाटने पर ही किशोर की जान बची. इसमें कहा गया है कि आरोपित ने इसका वीडियो भी खुद ही बनाया.
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद भी जगतपुर थाने की पुलिस पीड़ित पर समझौता करने का दबाव बना रही थी, लेकिन जब स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव और बड़ा प्रदर्शन किया तब आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ नाबालिग लड़के की तरफ से हल्की धाराओं में प्राथमिकी लिखी गयी. सपा ने आरोप लगाया कि उसमें भी मुख्य आरोपित को बचा लिया गया और वह अभी तक फरार है. पीड़ित पक्ष द्वारा आरोपित के घर पर बुलडोजर चलाने, सुरक्षा एवं मुआवजा दिए जाने तथा केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश दिलाने की मांग की गई है.