उदयपुर में अगले महीने होगा कांग्रेस का तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’

नयी दिल्ली. कांग्रेस पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने, नयी चुनौतियों से निपटने और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए 13 से 15 मई के बीच राजस्थान के उदयपुर में ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करेगी. पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सूत्रों के अनुसार, इस ‘चिंतन शिविर’ में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, वरिष्ठ नेता और कई राज्य इकाइयों के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत करीब 400 लोग शामिल होंगे. सूत्रों का कहना है कि इस शिविर से पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक भी हो सकती है. यह ‘चिंतन शिविर’ ऐसे समय होने जा रहा है जब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर मंथन का दौर चल रहा है.

इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बुधवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि दोनों मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं जहां ‘चिंतन शिविर’ और प्रशांत किशोर के विषय पर चर्चा होने की संभावना है.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेतृत्व व संगठन में भारी बदलाव की मांग उठी थी. चुनाव नतीजों के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में संसद सत्र के बाद सीडब्ल्यूसी की एक और बैठक आयोजित करने के साथ ही चिंतन शिविर के विवरण को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया गया था.

सूत्रों के अनुसार, इस ‘चिंतन शिविर’ के दौरान चुनावी हार से सीख लेते हुए भविष्य के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये रणनीतिक खाका खींचने को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा क्योंकि मौजूदा समय में सिर्फ दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें हैं. वहीं, महाराष्ट्र तथा झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी दल है.

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि प्रत्येक नेता पार्टी की विचारधारा के प्रसार में मदद और आगामी चुनावों में वह कैसे बेहतर प्रदर्शन करे इसको लेकर संगठन में कमियों और इसमें सुधार करने के उपायों पर खुलकर चर्चा करे. कांग्रेस पहले ही ‘जी-23’ समूह के नेताओं द्वारा खड़े किए गए सवालों की चुनौती से जूझ रही है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे पहले ही कहा है कि वे आगामी चिंतिन शिविर जैसे पार्टी के मंच पर अपनी शिकायतों को उठाएं, ताकि उनका समाधान किया जा सके.

कुछ महीने पहले भी प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर उत्सुक थीं सोनिया: मोइली
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ महीने पहले भी किशोर को पार्टी में शामिल कराने के लिए ‘बहुत उत्सुक’ थीं, लेकिन इसमें विलंब हो गया. उन्होंने यह भी कहा कि किशोर को कांग्रेस में शामिल किया जाना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली के अनुसार, यह देखना सुखद है कि सोनिया गांधी ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तय करने के लिए किशोर को साथ लेने की पहल की है.

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं 2023 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये कांग्रेस पार्टी को तैयार करने के मकसद से रणनीति पर काम करने को लेकर उत्सुक हूं. असल में वह (सोनिया गांधी) कुछ महीने पहले प्रशांत किशोर को कांग्रेस पार्टी के लिए रणनीति बनाने की खातिर साथ लेने को उत्सुक थीं. परंतु कुछ कारणों से मामले में विलंब हुआ.’’ मोइली का कहना है कि उन्होंने गत पांच अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि अन्य धर्मनिरपेक्ष ताकतों/दलों को विश्वास में लेकर कांग्रेस को आगे ले जाने के लिए उचित रणनीति अपनाई जाए तथा सोनिया गांधी ने उनकी बातों को स्वीकार किया है.

मोइली ने कहा कि 25 मार्च को वह किशोर से मिले थे और 2023 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति बनाने में उनके शामिल होने के बारे में चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि गत शनिवार को किशोर ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की. किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर शनिवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के समक्ष पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई थी और अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति का खाका पेश किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button