गरियाबंद: पांच लोगों को कुचलने वाली मादा हाथी का शव बरामद

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में वन विभाग ने एक मादा हाथी का शव बरामद किया है। अधिकारियों के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में इस मादा हाथी के हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी। गरियाबंद जिले के वन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि शव की प्रारंभिक जांच से जानकारी मिली है कि मादा हाथी के मुंह में सूजन और मूत्राशय में संक्रमण था। आशंका है कि इसी के कारण उसकी मौत हुई है।

गरियाबंद क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि वन विभाग को मंगलवार को धवलपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत सिकासेर बांध क्षेत्र में एक मादा हाथी का शव होने की जानकारी मिली थी।अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पशु चिकित्सक राकेश वर्मा समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के दल को घटनास्थल रवाना किया गया था। बाद में दल ने मादा हाथी का शव बरामद कर लिया था।

अग्रवाल के मुताबिक, पशु चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मादा हाथी के मुंह में सूजन और मूत्राशय में अत्यधिक संक्रमण था। अग्रवाल ने बताया कि आशंका है कि इस कारण मादा हाथी भोजन लेने में असमर्थ हो गई थी और वह धीरे-धीरे कमजोर होती चली गई। उसकी मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।

अधिकारी के अनुसार, अपने झुंड से अलग होने के बाद मादा हाथी गरियाबंद और धमतरी जिले की सीमा पर सिकासेर क्षेत्र में भटक रही थी। उसने धमतरी वन मंडल में नौ अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच पांच लोगों को कुचलकर मार डाला था। उन्होंने बताया कि मादा हाथी हाल ही में गरियाबंद के जंगलों में पहुंच गई थी। क्षेत्र में तैनात हाथी मित्र (स्वयंसेवकों) और वन कर्मचारी उसकी आवाजाही पर नजर रखे हुए थे।

छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में पिछले एक दशक से मानव-हाथी संघर्ष की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। हाथी अब राज्य के मध्य क्षेत्र के कुछ जिलों में भी पहुंच गए हैं। राज्य के सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले से लगातार मानव-हाथी संघर्ष की खबरें आती रहती हैं। वन विभाग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में राज्य में हाथियों के हमले में 204 लोग मारे गए हैं, जबकि इस दौरान 45 हाथियों की भी मौत हुई है।

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