बंद असम पेपर मिल के बीमार कर्मचारी की इलाज का खर्च न उठा पाने के चलते मौत

नौगांव. असम के कछार जिले में बंद पड़ी एक पेपर मिल के एक बीमार कर्मचारी की, वेतन न मिलने की वजह से इलाज का खर्च न उठा पाने के चलते मृत्यु हो गई। मिल की यूनियन ने बुधवार को यह जानकारी दी। पहले इस मिल का स्वामित्व ंिहदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन (एचपीसी) के पास था।

इसके साथ ही कछार और नौगांव में इसकी दो मिलों के बंद होने के बाद से एचपीसी के 103 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। जहां अक्टूबर 2015 में कछार इकाई ने काम करना बंद कर दिया, वहीं जगीरोड में स्थित नौगांव मिल मार्च 2017 में बंद हो गई।

नौगांव और कछार पेपर मिल्स की ‘मान्यताप्राप्त यूनियन की संयुक्त कार्रवाई समिति’ (जेएसीआरयू) ने कहा कि ओडिशा के कटक निवासी राजेंद्र कुमार दलोई का 58 वर्ष की आयु में सोमवार को निधन हो गया। जेएसीआरयू ने दावा किया कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारियों से पीड़ित था, लेकिन वेतन का भुगतान न होने के कारण वित्तीय संकट के चलते इलाज का खर्च नहीं उठा सकता था।

जेएसीआरयू ने कहा कि पिछले साल मई में हिमंत बिस्वा सरमा सरकार के सत्ता में आने के बाद से यह 18वीं मौत है। असम सरकार ने 28 मार्च को घोषणा की थी कि उसने एचपीसी की दो बंद हो चुकी पेपर मिलों का 375 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया है।
जेएसीआरयू ने कहा कि असम सरकार हालांकि श्रमिकों के बचाव के लिए एक राहत पैकेज पर सहमत हो गई है, लेकिन अभी तक फंड जारी नहीं किया गया है। कछार और नौगांव इकाइयों के कर्मचारियों को क्रमश: जनवरी और मार्च 2017 से कोई वेतन नहीं दिया गया है।

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