रूस ने युद्ध में और सैनिक झोंके, पूर्वी यूक्रेन में हमले किए तेज

कीव. यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल से हजारों लोगों को निकालने की उम्मीद जगने के बीच रूस ने इस पूर्वी औद्योगिक केंद्र पर नियंत्रण के लिए हमले तेजÞ कर दिए. मारियुपोल पर हमले तेज करने के अलावा रूसी बलों ने डोनबास के मोर्चे पर अपने हमले तेजÞ कर दिए हैं जहां कोयले की खदाने, धातु संयंत्र और कारखाने हैं जो यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है.

अगर रूस इस क्षेत्र पर कब्जा करने के अपने प्रयास में सफल हो जाता है तो उससे यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने के असफल प्रयास के बावजूद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक बड़ी जीत मिलेगी. यूक्रेन के सैनिकों ने मंगलवार को कहा था कि रूसी सेना ने एक विशाल इस्पात संयंत्र के बचे हुए हिस्से को समतल करने के लिए भारी बम बरसाए और एक अस्थायी अस्पताल पर भी हमला किया जहां लोग ठहरे हुए थे. इन खबरों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी.

वहीं रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसके बल यूक्रेनी लक्ष्यों पर हमले तेज कर किए हुए हैं और तोप से 1053 हमले किए गए और 73 हवाई हमले किए गए. मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनशेनकोव ने यह भी कहा कि दक्षिणी यूक्रेन में खेरसोन क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों और वाहनों पर मिसाइल हमले किए गए. उन दावों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका .यूक्रेन की सेना के जनरल स्टाफ ने एक बयान में कहा कि मारियुपोल में एजोवस्टाल इस्पात मिल पर कब्जा करना और इस तरह पूरे मारियुपोल पर अधिकार करना रूस की शीर्ष प्राथमिकता है. उसने कहा कि रूस पूरब में विभिन्न स्थानों पर आक्रामक कार्रवाई जारी रखे हुए है और वह यूक्रेन की सुरक्षा में कमजोर ंिबदु ढूंढ रहा है.

मारियुपोल को युद्ध के शुरुआती दिनों से ही घेर लिया गया था और शहर का काफी बड़ा हिस्सा तबाह हो चुका है. इस जंग की वजह से देश से 50 लाख से ज्यादा लोग भाग चुके हैं. उप प्रधानमंत्री इरयाना वेरेशेचुक ने कहा कि मारियुपोल से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को निकालने के लिए एक मानवीय गलियारा खोलने के लिए बुधवार दोपहर को एक “प्रारंभिक” समझौता हुआ है. उन्हें इस नगर से पश्चिम की ओर यूक्रेन-नियंत्रित शहर जÞापोरिज्जिया में ले जाया जाएगा.

मारियुपोल के मेयर वादिम बॉयचेंको ने स्थानीय लोगों से शहर छोड़ने का आग्रह किया, हालांकि इस तरह के पहले के समझौते कामयाब नहीं हुए थे. उन्होंने नगर परिषद की ओर से जारी बयान में कहा, ‘‘ डरें नहीं और जÞापोरिज्जिया की ओर जाएं जहां आपको सभी जरूरी मदद मिलेगी जिनमे खाना, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं और सबसे अहम चीजÞ आपको सुरक्षा मिलेगी. ’’ उन्होंने कहा कि दो लाख लोग पहले ही शहर छोड़ चुके हैं और शहर की युद्ध पूर्व आबादी चार लाख से अधिक थी.

बॉयचेंको ने कहा कि लोगों को निकालने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और उन्हें एजÞोवस्टल इस्पात मिल के पास बस उपलब्ध होगी. लोगों को निकालने को लेकर रूस की ओर से तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई है जिसने बुधवार को यूक्रेन के रक्षकों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक नया अल्टीमेटम जारी किया है. यूक्रेन के लोगों ने विशाल इस्पात संयंत्र की सुरंगों और बंकरों को छोड़ने की पिछली मांगों को नजरअंदाज कर दिया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना युद्ध में अपना सब कुछ झोंक रही है. देश के अधिकतर सैनिक यूक्रेन में या रूसी सीमाओं पर मौजूद हैं. जेलेंस्की ने रात को देश के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘उन्होंने लगभग हर उस उस चीज को निशाना बनाया है, जो हमें रूस के खिलाफ लड़ने में सक्षम बनाती है.’’ जेलेंस्की ने कहा कि केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के रूसी दावों के बावजूद उसकी सेना द्वारा आवासीय क्षेत्रों पर हमले करना और नागरिकों की हत्या करना जारी है. उन्होंने कहा, ‘‘इस युद्ध में रूसी सेना खुद को विश्व इतिहास में हमेशा के लिए दुनिया की सबसे बर्बर और अमानवीय सेना के रूप में दर्ज करा रही है.’’

रूसी सेना दुनिया की सबसे बर्बर सेना : जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस की सेना को दुनिया की सबसे बर्बर सेना करार दिया है. उन्होंने कहा कि रूसी सके सैनिकों के पास जो भी हथियार उपलब्ध हैं, वे यूक्रेन के खिलाफ उन सभी का इस्तेमाल कर रहे हैं. जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘रूसी सैनिकों ने बर्बरता ही सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने हर उस व्यक्ति और वस्तु को निशाना बनाया है, जो यूक्रेन के खिलाफ उनके संघर्ष का सामना करने में मददगार हैं.‘‘ यूक्रेनी राष्ट्रपति ने केवल सैन्य स्थलों पर हमले करने के रूसी दावों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि रूसी सैनिक आवासीय क्षेत्रों को लगातार निशाना बनाकर आम नागरिकों की हत्या कर रहे हैं.

जेलेंस्की ने कहा, “इस युद्ध में रूसी सेना खुद को विश्व इतिहास में दुनिया की सबसे बर्बर और अमानवीय सेना के रूप में दर्ज करा रही है.” उन्होंने पश्चिमी देशों से जल्द से जल्द हथियारों की आपूर्ति करने की अपील करते हुए कहा, “अगर हमें अभी हथियार मिलते हैं तो हम उनकी मदद से हजारों लोगों की जान बचा सकते हैं.”

 

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