आईपीएल 2022 नो-बॉल कंट्रोवर्सी: थर्ड अंपायर के पास नहीं भेजा गया मामला?
नई दिल्ली. दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स (DC vs RR) के बीच खेले गए आईपीएल 2022 के 34वें मुकाबले में जमकर बबाल मचा. मैच के आखिरी ओवर में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत डगआउट में बैठे बैठे एक गेंद पर इतने बिफर पड़े कि उन्होंने तो अपने बल्लेबाज को मैदान छोड़कर वापस आने का इशारा कर दिया. यहां तक कि सहायक कोच प्रवीण आमरे मैच के दौरान ही अंपायर्स से बात करने के लिए मैदान पर पहुंच गए थे. यह बवाल इस सीजन का पहला बड़ा विवाद माना जा रहा है.
दरअसल आखिरी ओवर में दिल्ली को जीत के लिए 36 रन की जरूरत थी. ऐसे में रोवमैन पॉवेल ने ओबैड मैकॉय की गेंदों पर लगातार 3 छक्के जडकर टीम की उम्मीद जगा दी. दूसरे छोर पर खड़े कुलदीप यादव ने अंपायर को तीसरी गेंद का रीप्ले देखने के लिए कहा. दरअसल कुलदीप और डगआउट में बैठे उनके साथियों को लगा कि गेंद कमर से ऊपर है, जो नो बॉल हो सकती है. हालांकि ऑन फील्ड अंपायर्स ने इसे नो बॉल करार देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद दिल्ली ने सवाल किया कि थर्ड अंपायर के पास इसे जांच के लिए क्यों नहीं भेजा जा सकता.
आपने फैसले पर टिके रहे अंपायर
आपको बता दे कि आखिरी 3 गेंदों में दिल्ली को 18 रन बनाने थे और पॉवेल पहले ही लगातार 3 छक्के लगा चुके थे. ऐसे में अगर यह नो बॉल होती तो फिर दिल्ली को फ्री हिट सहित 4 गेंदों में 18 रन बनाने होते. जिससे खेल का पासा भी पलट सकता था, मगर ऐसा नहीं हो पाया. गुस्से में पंत बल्लेबाज को वापस बुलाते हुए भी नजर आए. शेन वॉटसन ने पंत को शांत करने की कोशिश भी की, मगर तब तक उन्होंने कोचिंग स्टाफ प्रवीण आमरे को अंपायर से बात करने के लिए मैदान पर भेज दिया था. हालांकि अंपायर अपने फैसले पर टिके रहे और खेल फिर शुरू हुआ, जहां दिल्ली को 15 रन से हार का सामना करना पड़ा.
थर्ड अंपायर के पास नहीं भेजा सकता मामला
इसके बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि इतना बवाल होने के बावजूद थर्ड अंपायर के पास इस मामले को क्यों नहीं भेजा गया. दरअसल नियम के अनुसार ऑन फील्ड अंपायर आउट होने के फैसले के अलावा अन्य फैसलों को थर्ड अंपायर के पास नहीं भेज सकता.
आईपीएल प्लेइंग कंडीशंस के अनुसार मैदानी अंपायर केवल आउट होने और फ्रंट फुट नो बॉल को ही थर्ड अंपायर के पास भेज सकता है. आईपीएल नियम के अनुसार थर्ड अंपायर नो बॉल की जांच तभी कर सकता है, जब उस गेंद पर कोई विकेट गिरा हो. खेल की परिस्थितियों को देखते हुए नितिन मेनन और निखिल पटवर्धन के पास नियमों से खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.