पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को ED की एक दिन की हिरासत में भेजा गया

कोलकाता. कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को रविवार को एक दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया. मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. इससे पहले दक्षिण कोलकाता स्थित उनके घर पर एजेंसी ने कई घंटे तक पूछताछ की जहां करोड़ों रुपये की नकदी और अन्य कीमती चीजें बरामद हुई थीं. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत की प्रभारी, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने मुखर्जी को सोमवार को ईडी की अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया है.

ईडी के वकील, जिनमें अभिजीत भद्रा शामिल हैं, ने मुखर्जी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया है. बंगाल सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री चटर्जी को कथित स्कूल रोजगार घोटाले के संबंध में शनिवार को ईडी ने गिरफ्तार किया था.

घोटालों में शामिल तृणमूल नेताओं के लिए सैरगाह बन गया है एसएसकेएम अस्पताल : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल का वुडबर्न वॉर्ड घोटाले के आरोपों से घिरे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए एक ‘‘सैरगाह’’ बन गया है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के ‘‘दागी’’ नेताओं का ‘‘बेचैनी’’ का हवाला देकर एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला रुकना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इन नेताओं का इलाज किसी ऐसे चिकित्सा प्रतिष्ठान में किया जाना चाहिए, जो राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर हो, ताकि वे अस्पताल प्रबंधन को अपने पक्ष में स्वास्थ्य रिपोर्ट बनाने के लिए प्रभावित न कर सकें. बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को ‘‘बेचैनी’’ की शिकायत के बाद एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया था. कोलकाता की एक अदालत ने चटर्जी को दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था.

मजूमदार ने कहा, ‘‘बेचैनी का बहाना बनाकर एसएसकेएम में सरकारी आवभगत का लुत्फ उठाना घोटालों से घिरे तृणमूल नेताओं की आदत बन गया है. उनके स्वास्थ्य रिपोर्ट अपने पक्ष में बनाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को प्रभावित करने की पूरी संभावना रहती है. यह रुकना चाहिए. चटर्जी का इलाज किसी ऐसे अस्पताल में किया जाना चाहिए, जो राज्य सरकार के नियंत्रण में नहीं हो.’’ आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चटर्जी को अदालत द्वारा उनके चिकित्सकीय इलाज की अनुमति दिए जाने के बाद एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत और ईडी इस पर फैसला लेंगे. पार्टी के पास इस संबंध में कहने के लिए कुछ भी नहीं है.’’ इससे पहले, मई में तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल खराब सेहत का हवाला देते हुए 15 दिन तक एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहे थे. उन्होंने मवेशियों की कथित तस्करी से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर जारी विभिन्न समन की अनदेखी की थी.

बीते साल तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं मंत्री फिरहाद हकीम और दिवंगत सुब्रत मुखर्जी तथा विधायक मदन मित्रा नारद सिं्टग आॅपरेशन मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद खराब तबीयत का हवाला देते हुए एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहे थे.

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