मंत्री को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय पहुंचा ईडी

कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर रविवार को निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें उसने गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने ईडी और चटर्जी के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बैंकशैल अदालत के आदेश को चुनौती दी है जिसमें निर्देश दिया गया है कि चटर्जी को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया जाए.

ईडी ने यह भी दावा किया है कि निचली अदालत व्यक्ति के पर्याप्त इलाज का निर्देश दे सकती है लेकिन इस तरह विशिष्ट स्थान पर भेजने का आदेश नहीं दे सकती है. ईडी ने उच्च न्यायालय में पुर्निवचार याचिका दायर की है और दिन में मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह किया. निचली अदालत ने शनिवार को ईडी को चटर्जी की दो दिन की हिरासत दी थी लेकिन उनके वकील की अजर्Þी पर उन्हें सरकारी अस्पताल भेजने का आदेश दिया था, क्योंकि वह बीमार थे.

ईडी के वकील ने दावा किया है कि चटर्जी राज्य के वरिष्ठ मंत्री हैं और प्रभावशाली शख्स हैं जिन्हें इस तरह से सरकारी अस्पताल में नहीं रखा जाना चाहिए. ईडी ने सुझाव दिया कि चटर्जी का एम्स में इलाज किया जा सकता है जिसके पास उनके स्वास्थ्य के देखभाल के लिए बेहतर बुनियादी ढाचा है.

चटर्जी के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनका एसएसकेएम अस्पताल में उचित इलाज किया जा रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने स्कूल शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले के संबंध में चटर्जी को शनिवार को गिरफ्तार किया था. उन्होंने शाम में बैचेनी की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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