रिटायर्ड असिस्टेंट प्रोफेसर सातवें वेतन आयोग से वंचित, नोटिस

बिलासपुर. सातवें वेतन आयोग से वंचित रखने पर हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग  और रविशंकर युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. एन. के. बाघमार द्वारा पेंशन में सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए दायर रिट याचिका में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के अलावा रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति को जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में भूगोल संकाय के प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके डॉ. एन. के. बाघमार की सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्हें निर्धारित पेंशन, सेवानिवृत्ति-लाभ आदि की गणना छठवें वेतन आयोग के आधार पर ही प्रदान किया जा रहा था, जिससे वे सातवें पे-कमीशन के लाभ से
वंचित थे.

साथ ही डॉ. बाघमार को माह जनवरी 2016 से जून 2018 तक के एरियर्स की रकम भी अप्राप्त थी. इससे क्षुब्ध होकर डॉ. बाघमार
ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और हर्षमंदर रस्तोगी के माध्यम से सेवा-याचिका दायर करवाई थी. याचिका में मुख्य
आधार यह लिया गया था कि अपने जीवनकाल के लगभग 35 वर्षों की अनवरत सेवा के पश्चात भी याचिकाकर्ता डॉ. बाघमार के पेंशन का निर्धारण, नियमानुसार न कर अनुचित ढंग से किया गया था, जो कि सर्वथा नियम विरूद्ध था और याचिकाकर्ता को इससे वित्तीय क्षति हो रही थी.

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