उच्च न्यायालय ने सांसद नवनीत, उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से किया इनकार

सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र: गिरफ्तारी को बताया अवैध

मुंबई/अमरावती. बम्बई उच्च न्यायालय ने ‘हनुमान चालीसा’ विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा द्वारा दायर उस रिट याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. दंपति ने आज सुबह उच्च न्यायालय का रूख कर, शहर में खार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था.

खार पुलिस ने यह प्राथिमिकी,एक पुलिस अधिकारी को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी.
हालांकि, न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई में निजी आवास के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने की घोषणा के बाद खार पुलिस ने दंपति के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं.

विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस ने 23 अप्रैल को पहली प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में इस प्राथमिकी में राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया गया था. खार पुलिस ने 24 अप्रैल को एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में राणा दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज की थी.

सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र: गिरफ्तारी को बताया अवैध

महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखकर कहा है कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है. उन्होंने पुलिस हिरासत में ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ का भी आरोप लगाया है. अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत राणा ने रविवार को भेजे गए पत्र में मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है और दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर उनके और उनके पति के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खिलाफ 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद इन्हीं पार्टियों के साथ गठबंधन किया और यह कदम मुख्यमंत्री पद पाने की उसकी इच्छा से प्रेरित था.
उन्होंने कहा कि शिवसेना अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में अपने स्वीकृत ंिहदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई है और वह जनता के जनादेश को ‘‘धोखा’’ देना चाहती है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शिवसेना में ंिहदुत्व की लौ को फिर से जगाने की सच्ची आशा के साथ घोषणा की थी कि मैं मुख्यमंत्री के आवास पर जाऊंगी और उनके आवास के बाहर ‘‘हनुमान चालीसा’’ का पाठ करूंगी. यह किसी धार्मिक तनाव को भड़काने के लिए नहीं था. वास्तव में, मैंने मुख्यमंत्री को ‘‘हनुमान चालीसा’’ के पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.’’ नवनीत राणा ने दावा किया कि उनकी कार्रवाई मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं थी. उन्होंने पत्र में कहा कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी और उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है और उन्होंने उनके खिलाफ (आईपीसी की धारा 124 ए) के तहत राजद्रोह का आरोप लगाने का उल्लेख किया.

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