समान नागरिक संहिता ‘अच्छी पहल’, राज्य सरकार कर रही है अध्ययन: जयराम ठाकुर
नयी दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू (यूसीसी) करने बाबत उठाए गए कदम को एक ‘‘अच्छी पहल’’ करार दिया और कहा कि इस विचार को उनके राज्य में कैसे लागू किया जा सकता है, इस बारे में अध्ययन किया जा रहा है. राजधानी स्थित हिमाचल भवन में नवनिर्मित मीडिया केंद्र का उद्घाटन करने के बाद ठाकुर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि यूसीसी को राज्य में लागू करने को लेकर उनकी सरकार किसी जल्दबाजी में नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में वह समान नागरिक संहिता लागू करने की सोच रहे हैं, ठाकुर ने कहा, ‘‘यूसीसी एक अच्छी पहल है और इससे अच्छा संकेत भी गया है लेकिन हम जल्दबाजी में नहीं हैं. हम अभी इसका अध्ययन करेंगे. हमने अधिकारियों से इसका अध्ययन करने को कहा है. हिमाचल प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में हम देखेंगे कि क्या बेहतर हो सकता है. उसके अनुरूप ही कोई निर्णय लिया जाएगा.’’ ज्ञात हो कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर मसौदा तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है.
भाजपा ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि यदि वह उत्तराखंड में फिर से सत्ता में लौटती है तो समान नागरिक संहिता लागू करेगी. ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए मुख्य चुनौती कांग्रेस है और वहां आम आदमी पार्टी (आप) कोई ताकत नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता ने तीसरे विकल्प को कभी स्वीकार ही नहीं किया, लिहाजा मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा और जीत अंतत: भाजपा की होगी.
उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र हे लिहाजा हर दल को चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन आप हिमाचल में सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय राज्य है. आप जिस प्रकार की राजनीति करती है, राज्य की जनता उसे स्वीकारेगी नहीं. राज्य ने तीसरे विकल्प को हमेशा खारिज किया है.’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की पहाड़ियों पर चलते चलते उनकी सांसें फूलने लगेंगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आप का कोई वजूद नहीं है और उसके पास स्थानीय नेतृत्व का भी अभाव है.
इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. हाल ही पंजाब में जीत दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में एक राजनीतिक विकल्प बनने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. यह पूछे जाने कि भाजपा के लिए चुनौती कौन है, मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चुनाव एक चुनौती होती है और भाजपा हर चुनाव को गंभीरता से पूरे दमखम से लड़ती है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती भाजपा को फिर से सत्ता में लाने की है. 1985 के बाद कभी भी कोई दल वहां सत्ता में वापसी नहीं कर सका है. लेकिन अब परस्थितियां बदल रही हैं. सरकारें सत्ता में आ रही हैं. हमने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अभी अभी यह देखा है.’’ उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार हिमाचल में भाजपा फिर से सत्ता में वापसी करेगी.