कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकती : पाकिस्तान

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंधों की इच्छा व्यक्त की है और रेखांकित किया कि कश्मीर विवाद के ‘‘न्यायसंगत’’ समाधान के बिना स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकती. शहबाज ने 11 अप्रैल को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में तब शपथ ली थी जब उनके पूर्ववर्ती इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ कर दिया गया था.

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के साथ अच्छे संबंधों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने पहले ही रेखांकित किया है कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे के ‘‘न्यायसंगत’’ समाधान के बिना स्थायी शांति हासिल नहीं की जा सकती. प्रवक्ता के अनुसार, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद को हल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों को विकास की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बधाई पत्र के जवाब में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सार्थक बातचीत और जम्मू कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान के जरिए दोनों देशों के लोगों और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास प्राप्त किया जा सकता है.

अहमद ने कहा, “प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के अनुसार, पाकिस्तान हमारे राष्ट्रीय हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने और क्षेत्र एवं उससे आगे शांति तथा विकास को बढ़ावा देने में हमारी भूमिका निभाने के लिए सभी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय परिधि में हमारी कूटनीति एवं साझेदारी को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना जारी रखेगा.” अगस्त 2019 में भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संबंध बिगड़ गए थे.

भारत ने कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और ंिहसा से मुक्त माहौल में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है तथा ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है. प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद, शहबाज ने अपने भाषण में कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का मुद्दा उठाया था और कहा था कि पाकिस्तान मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के अलावा कश्मीरियों को “राजनयिक और नैतिक समर्थन” प्रदान करेगा.

प्रधानमंत्री मोदी के कश्मीर दौरे पर पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर यात्रा और चिनाब नदी पर रतले और क्वार पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए आधारशिला रखने पर आपत्ति जताई है. उसका दावा है कि यह ंिसधु जल संधि का ‘‘प्रत्यक्ष उल्लंघन’’ था. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर गए.

यात्रा के दौरान मोदी ने रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी. किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की परियोजना और उसी नदी पर 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाएगा.

यहां विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी की कश्मीर यात्रा को घाटी में ‘‘नकली सामान्य स्थिति दिखाने की एक और चाल’’ करार दिया.
विदेश कार्यालय ने रविवार रात एक बयान में कहा, ‘‘पांच अगस्त 2019 के बाद से, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत द्वारा कश्मीर में वास्तविक अंर्तिनहित मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के कई हताश प्रयासों को देखा है.’’ पाकिस्तान ने कश्मीर में चिनाब नदी पर रतेल और क्वार पनबिजली परियोजनाओं (एचईपी) के निर्माण के लिए आधारशिला रखने की भी आलोचना की.

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘भारत द्वारा डिजाइन रतेल पनबिजली संयंत्र के निर्माण पर पाकिस्तान को आपत्ति रही है, और क्वार पनबिजली संयंत्र के लिए भारत ने अब तक पाकिस्तान के साथ जानकारी साझा करने के अपने संधि दायित्व को पूरा नहीं किया है.’’ विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दो परियोजनाओं की आधारशिला रखने को 1960 की ंिसधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के सीधे उल्लंघन के रूप में देखता है.’’ पाकिस्तान ने भारत से आईडब्ल्यूटी के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और आईडब्ल्यूटी ढांचे के लिए हानिकारक कोई भी कदम उठाने से परहेज करने का आह्वान किया.

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