एम्बुलेंस चालकों के हंगामे के कारण पिता को पुत्र का शव आधी रात को मोटरसाइकिल से ले जाना पड़ा

तिरुपति. दिल दहला देने वाली एक घटना में, एक पिता को अपने पुत्र का शव आधी रात को मोटरसाइकिल से ले जाना पड़ा, क्योंकि एम्बुलेंस चालकों ने भारी हंगामा करते हुए तिरुपति से उनके गांव तक की 90 किमी की यात्रा के लिए दस हजार रुपये की मांग की थी.
बाइक एक अन्य व्यक्ति चला रहा था और पुत्र का शव बाइक पर पीछे बैठे पिता की गोद में था. एम्बुलेंस चालकों का अमानवीय व्यवहार यहीं नहीं थमा और उन्होंने तिरुपति के रुइया अस्पताल में पिता के रिश्तेदारों द्वारा भेजी गई दूसरी एम्बुलेंस से भी शव को नहीं ले जाने दिया.

रुइया के एम्बुलेंस चालकों ने दूसरे एम्बुलेंस चालक की कथित तौर पर पिटाई भी की और उसे खदेड़ कर भगा दिया. इससे पिता अपने बेटे का शव बाइक ले जाने के लिए मजबूर हुआ. उनका गांव पड़ोसी अन्नामय्या जिले में है. इस घटना से सकते में आयी राज्य सरकार ने रुइया अस्पताल के वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया और अस्पताल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

पुलिस को उन एम्बुलेंस चालकों की पहचान करने तथा उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया गया है जो आए दिन अस्पताल में दंगा करते हैं. तिरुपति के जिलाधिकारी वेंकट रमण रेड्डी ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय आधिकारिक समिति का गठन किया है.

स्थानीय राजस्व मंडल अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति ने प्रथम दृष्टया रुइया अस्पताल के एम्बुलेंस चालकों के कृत्यों की पुष्टि की है. अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अब तक चार चालकों की पहचान की है जो कथित रूप से इस घटना में शामिल थे. पुलिस के अनुसार अन्नामय्या जिले के चितवेली गांव के रहने वाले एक खेतिहर श्रमिक ने अपने 10 वर्षीय बेटे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था और सोमवार देर रात बच्चे की किडनी फेल होने के कारण मौत हो गई.

श्रमिक ने बेटे का शव अपने गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस बुलाने की मांग की और एम्बुलेंस चालकों ने 10,000 रुपये की मांग की. इतनी राशि देने में में असमर्थ व्यक्ति ने अपने रिश्तेदारों से मदद मांगी जिन्होंने उनके गांव से दूसरी एम्बुलेंस भेजी. जब दूसरी एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची, तो स्थानीय एम्बुलेंस चालकों ने कथित तौर पर उसके चालक की पिटाई की और उसे भगा दिया.

तिरुपति की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वी. रजनी ने कहा कि मामले की जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने इस अमानवीय घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में निजी एम्बुलेंस सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. रुइया की घटना को लेकर विपक्षी दलों ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर निशाना साधा. तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और विपक्ष के नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने एक बयान में कहा कि यह घटना आंध्र प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा की दयनीय स्थिति को दर्शाती है.

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