प्रधानमंत्री मोदी ने देश को निर्णायक नेतृत्व दिया: नड्डा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा उनकी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी और देश की सेनाएं आश्वस्त रह सकती हैं कि राजनीतिक नेतृत्व उनके साथ ईमानदारी से खड़ा रहेगा. करगिल विजय दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते नड्डा ने पुलवामा और उरी की घटनाओं के बाद भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों सहित कई अन्य पहलों का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में निर्णायक नेतृत्व प्रदान किया है.

नड्डा ने कहा कि पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब दिया गया. हालांकि इसके लिए सबूत मांगने पर उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि जब मोदी 2014 में सत्ता में आए तब सशस्त्र बलों में हथियारों और आयुध की कमी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उस वक्त की सरकार इसलिए सीमाओं पर अवसंरचना विकास नहीं करती थी क्योंकि उसे चीन के नाराज होने का खतरा सताता था जबकि महत्वपूर्ण रक्षा सौदे इसलिए नहीं किए जाते थे कि ताकि कोई घोटाला ना हो जाए.

नड्डा ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के 8 वर्षों में 36 राफेल लड़ाकू विमान भारतीय सेना में शामिल हुए हैं. 28 अपाचे हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक हेलीकॉप्टर, एयर मिसाइल, 145 अल्ट्रा लाइट होवित्जर्स, 100 वज्र आर्टिलरी गन, 1.83 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट भारतीय सेना को आधुनिक और मजबूत बना रही हैं.’’ उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना के ‘‘हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर’’ दोनों ही बड़े मजबूत हैं, इसलिए कोई उसका मुकाबला नहीं कर सकता है.

नड्डा ने कहा कि भारतीय सेना की ताकत संस्कारों से बनी है और संस्कृति और राष्ट्रीयता उससे जुड़ी हुई हैं, जो किसी अन्य देश की फौज में नहीं मिलती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना का हार्डवेयर भी बड़ा मजबूत है और सॉफ्टवेयर भी बड़ा मजबूत है. हम वीरता में भी कम नहीं हैं और कौशल में भी कम नहीं हैं. फौज की अपनी एक आंतरिक मजबूती होती है और उसकी तुलना भी नहीं होती है तथा वह भावनाओं से जुड़ी होती है. उसमें भारत की फौज का कोई मुकाबला नहीं कर सकता.’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अपने देश की खातिर लड़ने का जो जज्बा भारत में है, वह शायद ही किसी अन्य देश की फौज में मिलता है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत से कोई भी लड़े, विजय हमारी ही होगी. हमारी ताकत हमारे संस्कारों से बनी है. संस्कृति और राष्ट्रीयता से वह जुड़ी है. यह कहीं और नहीं मिलती.’’

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