पाकिस्तानी सीमा के अंदर से बनाई गई संभावित सुरंग का पता लगाने के लिए बीएसएफ का अभियान शुरू

जम्मू. पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले जैश ए मोहम्मद के दो आत्मघाती हमलावरों के हाल में मारे जाने के बाद, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जम्मू सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर, सीमा पार से बनाई गई सुरंगों का पता लगाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है. बीएसएफ ने कहा कि शत्रु सैनिकों और राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा उत्पन्न खतरों के प्रति वह सतर्क है और देश की सुरक्षा को सबसे ऊपर मानते हुए सीमा की निगरानी कर रहा है.

उल्लेखनीय है कि जम्मू के बाहरी इलाके में 22 अप्रैल को भारी हथियारों से लैस जैश ए मोहम्मद के दो आतंकवादियों को सुरक्षा बलों के साथ एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया गया था. यह मुठभेड़ उस वक्त हुई थी जब आतंकवादियों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के र्किमयों को ले जा रही एक बस पर सुंजवां इलाके में हमला कर दिया, जिसमें एक सहायक उप निरीक्षक शहीद हो गये.

मुठभेड़ में दो पुलिसर्किमयों सहित नौ सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे. यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले हुई थी.
जांच के बाद तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक ट्रक चालक और उसका सहायक भी शामिल हैं. वे मुठभेड़ से एक दिन पहले, पश्तू भाषी आतंकवादियों को सांबा जिले में सपवाल सीमा से रात को जम्मू के सांबा जिले में लेकर आये थे. अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में एक ने यह भी खुलासा किया कि वह इस साल अंतरराष्ट्रीय सीमा से कश्मीर में चार आतंकवादियों के एक समूह को लेकर आया था, जिससे सुरक्षा प्रतिष्ठान सतर्क हो गये हैं.

बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि घुसपैठ के दौरान सीमा पर लगी बाड़ का उल्लंघन नहीं किया गया जिसके चलते पिछले पांच दिनों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से बनाई गई भूमिगत सुरंगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
अधिकारी ने बताया, ‘‘दुश्मन राष्ट्र के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंग रोधी अभियान एक नियमित कार्य है. यह अभियान वर्तमान में जम्मू सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी बाड़ के 400 मीटर के दायरे में चलाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि बीसएफ ने पिछले साल कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दो सुरंगों का पता लगाया था.

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