‘हेट इन इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ साथ-साथ नहीं चल सकते : राहुल गांधी

नयी दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ वैश्विक ब्रांड के भारत छोड़ने की खबर का हवाला देते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि ‘हेट इन इंडिया’ (भारत में घृणा) और ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में विनिर्माण) साथ-साथ नहीं चल सकते. उन्होंने देश में बेरोजगारी की स्थिति का भी जिक्र किया और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह इस संकट से निपटने पर ध्यान दें.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कारोबार भारत से बाहर ले जाने की सुगमता है. सात वैश्विक ब्रांड, नौ फैक्ट्रियां और 649 डीलरशिप चले गए. 84,000 नौकरियां खत्म हो गईं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, ‘हेट इन इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ साथ-साथ नहीं चल सकते. भारत के खतरनाक बेरोजगारी संकट पर ध्यान देने का समय है.’’

‘अहंकारी और अक्षम’ सरकार के कारण पैदा हुआ बिजली संकट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ राज्यों में बिजली कटौती को लेकर बुधवार को दावा किया कि ‘अहंकारी और अक्षम’ सरकार के कारण यह संकट पैदा हुआ है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत गंभीर ऊर्जा संकट से घिरा हुआ है. ज्यादातर राज्यों में आम लोग आठ-आठ घंटे तक बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. मैंने मोदी सरकार को आगाह किया था कि कोयले के भंडार में कमी देश के लिए उस वक्त बड़ी मुसीबत बन जाएगी जब बिजली की मांग बढ़ेगी. इस मुद्दे का समाधान करने की बजाय केंद्र सरकार ने इससे इनकार किया.’’ राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘165 कोयला संयंत्रों में से 106 संयंत्र कोयला भंडार मामले में गंभीर स्थिति में पहुंच गए हैं. उनके पास 25 प्रतिशत भंडार ही बचा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास 2.155 करोड़ टन कोयला स्टॉक में है. जबकि 6.632 करोड़ टन कोयले की जरूरत है. गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और अन्य राज्य बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में संघर्ष कर रहे हैं.’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘कुछ राज्य कोयला ‘आयात करने’ को मजबूर हैं. कोविड का समय याद करिये, जब सरकार ने भारत के प्रति अपने उत्तरदायित्व से मुंह फेर लिया था. कई राज्यों को आत्मनिर्भर बनने के लिए मजबूर किया गया था और आॅक्सीजन सिंिलडर आयात करने के विकल्प पर विचार करना पड़ा था. यही बात कोयले को लेकर भी हो रही है.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ बेरोजगारी, महंगाई, व्यापार बंद होने से हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी पहले ही टूट गई है. यह गंभीर स्थिति अहंकारी और अक्षम मोदी सरकार का काम है.’’ उधर, कोयला सचिव ए के जैन ने मौजूदा बिजली संकट के लिए कोयले की कमी को जिम्मेदार मानने से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि इस संकट की मुख्य वजह विभिन्न ईंधन स्रोतों से होने वाले बिजली उत्पादन में आई तीव्र गिरावट है.

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