उत्तराखंड: कार्बेट में अवैध निर्माण को लेकर दो वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी निलंबित

ऋषिकेश. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की अवैध कटाई के सिलसिले में भारतीय वन सेवा के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया जबकि एक अन्य का तबादला कर दिया गया है। बुधवार को दो अलग—अलग आदेशों में प्रमुख सचिव, वन, आर. के. सुधांशु ने अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जे. एस. सुहाग और कालागढ वन प्रभाग के तत्कालीन पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जबकि रिजर्व के निदेशक राहुल का तबादला प्रदेश के वन प्रमुख कार्यालय में कर दिया।

सुहाग पर प्रदेश के वन प्रमुख को क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण ?कोष (कैम्पा फंड) का हिसाब-किताब नहीं देने का भी आरोप है। उच्चतम न्यायालय की ‘केन्द्रीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति’ ने 29 अप्रैल को कॉर्बेट व चिल्लरखाल मार्ग के निर्माण में कथित गड़बड़ी पर मौका मुआयना के बाद एक बैठक बुलाई, और सरकार की इस कार्रवाई को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एक टीम ने अपने एक दौरे में देखा था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन करते हुए वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण और पेड़ों की अवैध कटाई हुई है।

प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कॉर्बेट में अनियमितताओं के संबंध में वन विभाग के कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। चेतावनी भरे लहजे में मंत्री ने कहा, ‘‘वन विभाग का कोई कर्मचारी यह न सोचे कि वह अनियमितता कर के बच सकता है।’’

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