मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यो की समीक्षा की. उन्होंने बैठक में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के क्रियान्वयन की सराहना करते हुए दूरस्थ अंचलों के हाट-बाजारों में इसका नियमित आयोजन करने कहा. उन्होंने भिलाई स्थित चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की तरह सिकलसेल की जांच और उपचार के लिए भी अभियान की कार्ययोजना बनाने कहा. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे.

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी ने बैठक में बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत पिछले चार वर्षों में प्रदेश के शासकीय अस्पतालों को कुल 493 करोड़ रूपए से अधिक के इलाज के दावों का भुगतान किया गया है. वर्ष 2019 में 142 करोड़ 47 लाख रूपए, 2020 में 50 करोड़ 19 लाख रूपए, 2021 में 114 करोड़ 31 लाख रूपए और 2022 में 186 करोड़ 40 लाख रूपए का भुगतान सरकारी अस्पतालों को किया गया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेशभर में 15 लाख 23 हजार लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है. इस दौरान 1657 हाट-बाजारों में कुल 36 हजार से अधिक क्लिनिकों का आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया कि चालू अप्रैल माह में 178 अतिरिक्त हाट-बाजारों में क्लिनिकों का संचालन शुरू किया गया है. वर्तमान में कुल 1835 हाट-बाजारों में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. योजना के अंतर्गत कई क्लिनिकों में मोतियाबंद और टीबी की स्क्रीनिंग भी की जा रही है.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 30 वर्षों के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की जा रही है. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों के 641 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है. वर्ष 2020 में पदोन्नति के माध्यम से 213 विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त किए गए थे. पदोन्नति के जरिए अभी 240 और विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जनवरी-2019 के बाद से अब तक 1820 चिकित्सा अधिकारियों और 558 स्टॉफ नर्सों की भर्ती की गई है. साथ ही 509 एमबीबीएस अनुबंधित डॉक्टर भी विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं.

बैठक में बताया गया कि कांकेर के नए मेडिकल कॉलेज में नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा 125 सीटों पर प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है. कोरबा और महासमुंद में नए मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का आबंटन किया जा चुका है. राज्य शासन द्वारा तीनों नए मेडिकल कॉलेजों के लिए सेट-अप मंजूर किए जाने के बाद विभिन्न पदों पर भर्ती की कार्यवाही की जा रही है. राजपत्रित पदों पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग तथा अराजपत्रित पदों पर विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड व व्यापमं के माध्यम से भर्ती प्रक्रियाधीन है. चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण के लिए भूमि, भवन और वाहनों का मूल्यांकन कर लिया गया है. राज्य शासन द्वारा इसके लिए 1041 पदों के सेट-अप की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें महाविद्यालय के लिए 425 और संबद्ध अस्पताल के लिए 616 पद शामिल हैं.

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और डॉ. एस. भारतीदासन, उप सचिव सुसौम्या चौरसिया, स्वास्थ्य विभाग की सचिव शहला निगार, आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. विष्णु दत्त, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह भी बैठक में उपस्थित थे.

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