हर क्षेत्र में सुधार से स्वतंत्रता और लोगों के लिए गुंजाइश बढ़ती है: प्रधानमंत्री मोदी

चेन्नई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इस धारणा को बदल दिया है कि एक मजबूत सरकार का मतलब है कि उसे हर चीज को नियंत्रित करना चाहिए. मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में हुए सुधारों की सराहना करते हुए जोर देकर कहा कि इन्होंने नए रास्ते खोले हैं और अत्यावश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है.

उन्होंने यहां अन्ना विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक मजबूत सरकार हर चीज को या हर व्यक्ति को नियंत्रित नहीं करती, बल्कि यह हस्तक्षेप करने की प्रणाली की इच्छा को नियंत्रित करती है. उन्होंने कहा कि मजबूत सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं, बल्कि उत्तरदायी होती है.

मोदी ने कहा, ‘‘एक मजबूत सरकार हर क्षेत्र में प्रवेश नहीं करती. यह स्वयं को सीमित करती है और लोगों की प्रतिभाओं के लिए जगह बनाती है. एक मजबूत सरकार की ताकत यह स्वीकार करने की विनम्रता पर निर्भर करती है कि वह सब कुछ नहीं जान सकती और सब कुछ नहीं कर सकती, इसलिए हर क्षेत्र में सुधार से लोगों और स्वतंत्रता के लिए गुंजाइश बढ़ती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘करीब 25,000 अनुपालन बोझ कम करके जीवन को आसान बनाया गया. एंजेल टैक्स (स्टार्टअप की पूंजी पर लगने वाले कर) को हटाकर, पूर्व तिथि से लागू होने वाले कर को हटाकर और कंपनियों पर लगने वाले कर को कम करके निवेश और उद्योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है.’’

उन्होंने कहा कि ड्रोन, अंतरिक्ष एवं भू-स्थानिक क्षेत्र में किए गए सुधार नए अवसर पैदा कर रहे हैं और प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के जरिए बुनियादी ढांचे में किए गए सुधार विश्वस्तरीय ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में तेजी ला रहे हैं और उनका दायरा बढ़ा रहे हैं.
मोदी ने कहा, ‘‘(इस सरकार की) प्रौद्योगिकी में रुचि है, जोखिम लेने वालों पर भरोसा है और इसकी सुधार करने की प्रकृति है. ये सभी कारक आपके लिए ऐसा मंच बना रहे हैं, जो अवसर पैदा कर रहा है एवं सतत विकास को संभव बना रहा है.’’

उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी को ‘‘अप्रत्याशित’’ और सदी में एक बार आने वाला संकट करार देते हुए कहा कि देश ने अपने वैज्ञानिकों और आमजन की मदद से आत्मविश्वास के साथ इसका सामना किया. उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने हर देश की ‘‘परीक्षा ली.’’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवा र्किमयों, पेशेवरों और आमजन की मदद से अज्ञात (समस्या) का आत्मविश्वास से मुकाबला किया. इसके परिणामस्वरूप, भारत में हर क्षेत्र को नया जीवन मिल रहा है, चाहे वह उद्योग हो, नवाचार हो, निवेश हो या अंतरराष्ट्रीय व्यापार हो.’’ उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है.

मोदी ने कहा, ‘‘नवोन्मेष जीवन का एक तरीका बन रहा है. केवल पिछले छह वर्षों में मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप की संख्या में 15,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्ष 2016 में इनकी संख्या सिर्फ 470 थी, जो अब लगभग 73,000 है. जब उद्योग और नवोन्मेष के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन होता है, तो निवेश बढ़ता है. पिछले साल भारत को 83 अरब डॉलर से अधिक का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ.’’ मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मामले में भारत इस समय अपनी अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में है और देश में वस्तुओं एवं सेवाओं का अब तक का सबसे अधिक निर्यात भी हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण समय में खाद्यान्न का निर्यात किया.’’ मोदी ने भारत द्वारा संयुक्त अरब अमीरात और आॅस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बारे में कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक ‘महत्वपूर्ण कड़ी’ बन रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अब सबसे बड़ा प्रभाव डालने का मौका है, क्योंकि भारत बाधाओं को अवसरों में बदल रहा है.’’ मोदी ने स्रातक करने वाले युवाओं से कहा कि आज का दिन उपलब्धियों का नहीं, बल्कि आकांक्षाओं का दिन है.

उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर शिक्षकों और अन्य र्किमयों की सराहना करते हुए कहा कि वे ‘‘राष्ट्र निर्माता’’ हैं, जो ‘‘भावी नेताओं’’ यानी छात्रों को तैयार कर रहे हैं. उन्होंने अपने बच्चों के विकास के लिए ‘‘अहम’’ बलिदान देने के वास्ते उनके माता-पिता की भी सराहना की.

मोदी ने 100 साल से अधिक समय पहले कहे गए स्वामी विवेकानंद के शब्दों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए युवा पीढ़ी पर भरोसा दिखाया और उनके ‘‘वे शब्द आज भी प्रासंगिक हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज केवल भारत ही अपने युवाओं की ओर नहीं देख रहा, बल्कि पूरी दुनिया उम्मीद के साथ भारत के युवाओं की ओर देख रही है, क्योंकि आप देश के विकास के इंजन हैं और भारत दुनिया के विकास का इंजन है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत सम्मान की बात होने के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अपने संबोधन में राज्य में शिक्षा के माहौल की सराहना की और कहा कि यह राज्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या के मामले में सबसे अलग नजर आता है. स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया है. उन्होंने इस क्षेत्र में की गई विभिन्न पहलों का जिक्र भी किया.

इस कार्यक्रम में राज्यपाल आर. एन. रवि, केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी भी शामिल हुए. समारोह में छात्रों को डिग्री और मेडल दिए गए. बाद में, प्रधानमंत्री उन छात्रों से मिलने विश्वविद्यालय की कई कक्षाओं में गए, जो स्थान के अभाव के कारण मुख्य परिसर में नहीं आ पाए थे.

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