कोयले की कमी: कई राज्यों में 10-10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है…
नई दिल्ली. भारत में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर की तुलना में इस अप्रैल में 27% ज्यादा कोयला उत्पादन हुआ है. फिर भी 28 अप्रैल को 173 कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से 108 में कोयले का स्टॉक क्रिटिकल था. इसे देखते हुए प्लांटों तक कोयला सप्लाई बढ़ाने के लिए यात्री ट्रेनों के 753 फेरों को रद्द कर दिया गया है. अधिकारियों का दावा है कि कई बिजली कंपनियां पैसों की कमी के कारण ग्रिड से स्पॉट पावर नहीं खरीद रही हैं.
बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा बिजली संकट का सबसे बड़ा कारण संयंत्रों में कोयले की कमी है. परिवहन की समस्याओं की वजह से कोयला प्लांटों तक नहीं पहुंच पा रहा है. कई राज्यों की सरकारें आरोप लगा रही हैं कि खदानों से प्लांटों तक कोयला लाने के लिए मालगाड़ियों की कमी है. इसे देखते हुए रेल मंत्रालय ने उपाय किए हैं. मालगाड़ियों के लिए रास्ता बनाने के वास्ते करीब 21 जोड़ी यात्री ट्रेनों के 753 फेरों को रद्द कर दिया गया है. इससे अगले महीने तक कोयला लेकर आने वाली मालगाड़ियों को रास्ता साफ मिलेगा.