रूसी हमले के खिलाफ सुरक्षा ‘‘अहम मोड़’’ पर है : यूक्रेन के राष्ट्रपति

कीव.  यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के आक्रमण के खिलाफ अपने देश की सुरक्षा को ‘‘अहम मोड़’’ पर बताते हुए एक बार फिर अमेरिका से अधिक मदद देने का अनुरोध किया. उनका यह बयान तब आया है कि जब रूस की सेना अपने अभियान को कम करने के वादे से पीछे हटती दिखायी दे रही है.

रूसी सेना ने कीव और उत्तरी शहर चेर्निहीव के आसपास के इलाकों में बमबारी की तथा बुधवार को देश के अन्य हिस्सों में हमले तेज कर दिए, जिससे युद्ध खत्म करने की ओर किसी भी प्रगति को लेकर संदेह पैदा हो गया है. यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डेविड अराखमिया ने बताया कि यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता डिजिटल माध्यम से शुक्रवार को बहाल होने की उम्मीद है. इस बीच, यूक्रेन की संसद के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सहायता बढ़ाने के लिए अमेरिका पर जोर देने के वास्ते वांिशगटन की यात्रा की. उन्होंने कहा कि उनके देश को और सैन्य उपकरण, और वित्तीय सहायता तथा रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की आवश्यकता है.

यूक्रेन की संसद की सदस्य एनेस्तासिया रेडिना ने यूक्रेन के दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें रूसी सैनिकों को अपनी सरजमीं से खदेड़ने की आवश्यकता है और उसके लिए हमें हथियारों की जरूरत है.’’ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के समक्ष सीधे यह मांग रखी. उन्होंने देश को रात को वीडियो संबोधन में कहा, ‘‘अगर हम वास्तव में आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं तो हमारे पास इस मुश्किल, अहम मोड़ पर मदद मांगने का अधिकार है. टैंक, विमान, तोपों की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कीव में बेहद कम रोशनी में राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर खड़े होकर देश को संबोधित किया. उन्होंने बुधवार को घोषित अतिरिक्त 50 करोड़ डॉलर की सहायता के लिए अमेरिका का आभार व्यक्त किया.

रूसी सेना के हाल के हमलों के बाद रूस और यूक्रेन के बीच जल्द ही किसी भी वक्त कोई समाधान निकलने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है. गौरतलब है कि रूस ने मंगलवार को कहा था कि वह कीव और चेर्निहीव के समीप अपने अभियान में कटौती करेगा.
रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में डोनबास क्षेत्र और लिजियम शहर के आसपास अपने हमले तेज कर दिए हैं. यह शहर डोनबास जाने वाले अहम रास्ते पर पड़ता है.

चेर्निहीव शहर परिषद के सचिव ओलेक्जेंडर लोमाको ने कहा कि रूस की घोषणा ‘‘पूरी तरह झूठी’’ साबित हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘रात को उन्होंने सैन्य अभियान कम नहीं बल्कि तेज कर दिया.’’ जेलेंस्की ने यह भी कहा कि उन्होंने जॉर्जिया तथा मोरक्को से यूक्रेन के राजदूतों को वापस बुला लिया है जिससे पता चलता है कि वे इन देशों को यूक्रेन का समर्थन करने और हमले के लिए रूस को दंड देने के लिए पर्याप्त रूप से राजी नहीं कर पाए.

वहीं, अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनके सलाहकारों ने यूक्रेन में सेना के खराब प्रदर्शन के बारे में गलत सूचना दी है क्योंकि वे भी उन्हें सच बताने से बहुत डर रहे हैं. जर्मनी की सरकार ने कहा है कि उसे रूस से आश्वासन मिला है कि यूरोपीय कंपनियों को रूस से गैस लेने के बदले में रूबल में भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके साथ ही पोलैंड ने इस साल के अंत तक रूस से तेल आयात खत्म करने के कदमों की घोषणा की है. संयुक्त राष्ट्र उन आरोपों पर गौर कर रहा है कि दक्षिण शहर मारियुपोल के कुछ निवासियों को जबरन रूसी बलों द्वारा नियंत्रित इलाकों में ले जाया गया है.

जेलेंस्की ने मोरक्को और जॉर्जिया से वापस बुलाए अपने राजदूत

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने जॉर्जिया और मोरक्को में तैनात अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. उनका मानना है कि इन्होंने यूक्रेन के पक्ष में समर्थन हासिल करने और रूस को आक्रमण के लिए दंडित करवाने को लेकर पर्याप्त कार्य नहीं किया.
जेलेंस्की ने बुधवार की रात वीडियो संदेश में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि अगर हथियार नहीं दिला सकते, प्रतिबंध नहीं लगवा सकते, रूसी कारोबार पर पाबंदी नहीं लगवा सकते तो कृपया कोई और कार्य करें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ लातिन अमेरिका, मध्यपूर्व , दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में हमारे लिए काम करने वालों से आने वाले कुछ दिनों में ठोस नतीजे का इंतजार कर रहा हूं.’’ जेलेंस्की ने कहा कि वह यूक्रेन के दूतावासों के सैन्य अताशे से भी नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन की जीत में कूटनीतिक मोर्चा सबसे अहम मोर्चों में से एक है.’’

कीव : यूक्रेन और रूस के बीच वार्ता शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये दोबारा होगी. यह जानकारी यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डेविड अराखामिया ने दी. वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मिलने और समझौते की संभावनाएं धूमिल होने के करीब दो सप्ताह बाद मंगलवार को दोनों पक्षों ने इस्तांबुल में वार्ता की थी. यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल ने जिस प्रस्ताव की पेशकश की है , उसमें यूक्रेन के तटस्थ रहने, रूस की मांग के अनुरूप नाटो में शामिल होने की मंशा को छोड़ने और इसके बदले में सुरक्षा की गांरटी की बात की गई है. इस प्रस्ताव पर रूसी वार्ताकारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.

डबलिन : विमानों को लीज पर देने वाली कंपनी ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस में फंसे अपने विमानों और विमान इंजनों के लिए 3.5 अरब डॉलर का बीमा दावा पेश किया है. एयरकैप ने बताया कि उसने रूसी विमानन कंपनियों को 135 विमान पट्टे पर दिए थे जिनमें से 22 को वह रूस से बाहर ला सकी.

कीव: अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रोसी ने बुधवार को दक्षिणी यूक्रेन स्थित परमाणु संयंत्र का दौरा किया और यूक्रेनी अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें तकनीनी सहायता दी. ग्रोसी ने कहा कि आईएईए रूस के साथ राजनीति वार्ता में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम सक्रियता से यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहें कि पुरानी स्थिति बहाल हो और संयंत्र वापस यूक्रेनियों के पास आए.’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button