सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त करने की मांग की
मुंबई: विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कुछ राज्यों द्वारा पारित किये गये धर्मांतरण विरोधी कानून को तत्काल वापस लेने की मांग की है। सेक्युलर मूवमेंट, महाराष्ट्र के अध्यक्ष गौतमीपुत्र कांबले ने रविवार को यहां इस मुद्दे पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि धार्मिक आजादी के अधिकार के संवैधानिक प्रावधान के तहत व्यक्तियों को अपने धर्म को चुनने एवं बदलने का हक दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराना एक संवैधानिक अपराध है लेकिन राजनीतिक मंसूबे से तथा एक किसी धर्म की सर्वोच्चता के लिए कोई कानून बनाना संविधान प्रदत्त धार्मिक आजादी के मौलिक अधिकार का अतिक्रमण है।’’
सम्मेलन के सहभागियों ने अंतर-धार्मिक एवं अंतर-जातीय विवाहों पर अध्ययन करने एवं सूचनाएं जुटाने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित समित को भंग करने की भी मांग की।